नांदेड़, 16 अगस्त 2025 - पीपल्स कॉलेज, नांदेड़ के प्राचार्य डॉ. रावसाहेब जाधव 33 वर्षों की अपनी सफल और प्रेरणादायक सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनकी गौरवपूर्ण सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान का सम्मान करने के लिए 17 अगस्त, 2025 को एक भव्य 'सेवा सम्मान और अभिनंदन ग्रंथ प्रकाशन समारोह' का आयोजन किया गया है।
यह विशेष कार्यक्रम पीपल्स कॉलेज के नरहर कुरुंदकर सभागार में सुबह 10:30 बजे शुरू होगा। इस समारोह में डॉ. जाधव के छात्र, सहकर्मी और शिक्षा जगत के कई गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। इस अवसर पर उनके द्वारा किए गए कार्यों और शिक्षा के प्रति उनके समर्पण को याद किया जाएगा।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण 'अभिनंदन ग्रंथ' का विमोचन है, जिसे डॉ. जाधव के छात्रों और शुभचिंतकों ने मिलकर तैयार किया है। इस ग्रंथ में उनके जीवन, उनके अनुभवों और शिक्षा के प्रति उनके योगदान का विस्तृत विवरण है, जो उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करता है। प्राचार्य डॉ. रावसाहेब जाधव के शिष्य हिन्दी साहित्यकार डॉ.सुनील जाधव द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार,-
समारोह की अध्यक्षता मा.डॉ.व्यंकटेश काब्दे (पूर्व सांसद और अध्यक्ष, नांदेड़ एज्युकेशन सोसायटी) करेंगे। मुख्य अतिथि के रूप में मा. डॉ. प्रियदर्शिनी (अंग्रेजी विभाग, हैदराबाद विश्वविद्यालय) और मा. डॉ. सुलभा रावसाहेब जाधव (नांदेड़) विशेष उपस्थिति मा. प्रा. श्यामल पत्की (सचिव, नांदेड़ एज्युकेशन सोसायटी, नांदेड़) मा. डॉ. डी. एस. जी.भानेगावकर (प्रभारी प्राचार्य, पीपल्स कॉलेज, नांदेड़) मा. अड. चैतन्यबापू देशमुख (पूर्व उपाध्यक्ष, नांदेड़ एज्युकेशन सोसायटी, नांदेड़) मा. डॉ. किरणकुमार बोंदर (सहसंचालक, उच्च शिक्षण, नांदेड़) मा. गणेशचंद्र शिंदे (पूर्व सम कुलपति तथा प्राचार्य, यशवंत महाविद्यालय, नांदेड़) मा. डॉ. बाबूराव पावडे (महिला महाविद्यालय, नांदेड़) मा. डॉ. रमा नवले (सलाहकार समिति प्रमुख तथा पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष, पीपल्स कॉलेज, नांदेड़) मा. डॉ. बालासाहेब जाधव (अध्यक्ष, प्राचार्य, कल्याण महासंघ) मा. डॉ. विठ्ठल एरंडे (पूर्व प्राचार्य, महाराष्ट्र महाविद्यालय, निलंगा) मा. डॉ. पंजाब चव्हाण (प्राचार्य, दिगंबराव बिंदू महाविद्यालय, भोकर) और शिक्षा के क्षेत्र के कई अन्य विद्वान शामिल हैं।
डॉ. जाधव की सेवानिवृत्ति शिक्षा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। उनके मार्गदर्शन और समर्पण ने हजारों छात्रों के जीवन को संवारा है। उनकी सेवा और प्रेरणा हमेशा याद रखी जाएगी, और उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेंगे
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