आने वाली पीढ़ी के लिए कृत्रिम मेधा सिखाना जरूरी – प्रा. डॉ. शिवाजी भदरगे



नांदेड़। प्रधानमंत्री उच्चत्तर शिक्षा अभियान योजना के अंतर्गत श्री शारदा भवन एजुकेशन सोसाइटी संचालित यशवंत महाविद्यालय, नांदेड़ के हिंदी विभाग द्वारा ‘हिन्दी सामग्री लेखन’ एड-ऑन कोर्स के तहत "कृत्रिम मेधा की उपयोगिता" विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में हुतात्मा जयवंतराव पाटील महाविद्यालय, हिमायतनगर के प्रा. डॉ. शिवाजी भदरगे को आमंत्रित किया गया था।  

प्रा. डॉ. शिवाजी भदरगे ने छात्रों को संबोधित करते हुए कृत्रिम मेधा (Artificial Intelligence - AI) के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आज के तकनीकी युग में कृत्रिम मेधा का महत्व तेजी से बढ़ रहा है और यह विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। उन्होंने कृत्रिम मेधा के उपयोग से होने वाले लाभों की चर्चा करते हुए कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए इसे सीखना अनिवार्य हो गया है। उन्होंने इस तकनीक को सकारात्मक रूप से अपनाने पर जोर देते हुए बताया कि यदि इसे सही दिशा में उपयोग किया जाए, तो समाज के विकास में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।  कृत्रिम मेधा केवल तकनीकी क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान, व्यापार, कृषि और संचार सहित कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि कैसे AI के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा, डेटा विश्लेषण, शोध, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन को बढ़ावा दिया जा सकता है। उन्होंने छात्रों को इस क्षेत्र में नए शोध एवं नवाचार करने के लिए प्रेरित किया और कहा कि कृत्रिम मेधा से संबंधित ज्ञान प्राप्त कर वे अपने करियर को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।  

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. संदीप पाईकराव ने की। उन्होंने प्रा. डॉ. भदरगे के व्याख्यान की सराहना करते हुए कहा कि कृत्रिम मेधा की मदद से छात्र नए अनुसंधान एवं अन्वेषण कर सकते हैं और अपने विचारों को नवाचार के माध्यम से साकार कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों को इस क्षेत्र में अधिक रुचि लेने और इसके अनुप्रयोगों को गहराई से समझने के लिए प्रेरित किया।  कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुनील जाधव ने किया। उन्होंने मुख्य वक्ता का परिचय प्रस्तुत करते हुए उनके कार्यों एवं शोध में योगदान पर प्रकाश डाला। अंत में डॉ. साईनाथ शाहु ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस व्याख्यान से छात्रों को कृत्रिम मेधा की उपयोगिता के बारे में गहन जानकारी प्राप्त हुई, जिससे वे अपने भविष्य में इस क्षेत्र का लाभ उठा सकेंगे।  

इस व्याख्यान में बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित थे, जिन्होंने उत्साहपूर्वक विषय से जुड़ी जानकारी प्राप्त की और कई प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया। संपूर्ण कार्यक्रम ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रहा, जिससे छात्रों को नवीनतम तकनीकों और उनके भविष्य में संभावित उपयोगों की जानकारी प्राप्त हुई।


टिप्पण्या
Popular posts
डॉ.एल.व्ही.पदमाराणी राव : समर्पित प्राध्यापिका*
इमेज
फलटणच्या महिला डॉक्टरची आत्महत्या गृहविभागाच्या अब्रुची लक्तरे वेशीला टांगणारी..गृहखाते झेपत नसेल तर राजीनामा द्या: हर्षवर्धन सपकाळ
इमेज
सेलू येथे शालेय विभागीय कबड्डी क्रीडा स्पर्धा थाटात संपन्न* *गांधी विद्यालय परभणी मनपा विजयी*
इमेज
विकसित महाराष्ट्र 2047 अंतर्गत युवा आणि क्रीडा संवाद कार्यक्रमासाठी परभणी जिल्ह्याचे आढावा बैठक संपन्न
इमेज
बल्लाळेश्वर पतसंस्थेच्या लाडकी बहीण ठेव योजनेचा सांगता सोहळा संपन्न*
इमेज